नीले अम्बर में इन्द्रधनुष जैसा है समा, अबीर, गुलाल से झूमे धरती, रंगीन हुआ आसमान ! आज ब्रज में भी होगा जश्न यूँ रंग भरा सात रंगों में चमकेगा सूरज चाँद मुस्कुराए देख् कर यह जहाँ ! गोकुल की गोपिया ना जाने कितने दिनो से राह् तके इस दिन का, जब हाथ में आए नंद्किशोर, फैले चहूँऔर केसरिया धुआँ ! रंग में रंग के सावरे के, सफल कर ले अपना जन्म यहाँ! (PHOTOCREDIT:hariharji.blogspot.com)
Related articles
- Mai Ri Shyam (sujamusic.wordpress.com)