जब एक झलक दिखी उस चाँद की
तो: दिल में एक टीस उठी,
जागे हुए अरमान मचल गए
सोयी सी तक़दीर जाग उठी!
बंद करके पंखुरियों को
जब हम ने बना ली अपनी ज़ुबान
तरन्नुम प्यार के गाने लगे
यह धरती और आसमान!
जब एक झलक दिखी उस चाँद की
तो: दिल में एक टीस उठी,
जागे हुए अरमान मचल गए
सोयी सी तक़दीर जाग उठी!
बंद करके पंखुरियों को
जब हम ने बना ली अपनी ज़ुबान
तरन्नुम प्यार के गाने लगे
यह धरती और आसमान!
पंख लगा के आसमान में उड जाऊँ
चाहे यह मन चकोर
देख् नील गगन का उजियारा
नाचे जैसे वन में चंचल मोर!
कहे है बावरा उसे ,
फिरभी ना समझे यह मन
उड़ते बादलों से बंध जाए
रह रह कर यह दिल कि डोर !
आ जाएँ कहीं बनाये बसेरा
जब होगी शाम चहुं ओर
थम जाए कुछ पल के लिए,
जब तक ना समझे यह पागल मन चितचोर!