यूँ तो: हमने कभी सोचा नहीं
कि इस क़दर आप बसते हैं ज़हन में
पल भर की खामोशी भी ना अब
सहती इस मौसम में…
मौसम की इस अदला बदली में
कई रंग फिज़ा ने बदल दिए
कुछ पुराने पत्तों से झड़ गए
कुछ नए फूलों की खुश्बू से खिल गए…
देखे अब क्या है
इस मौसम की ख्वाइश
कोई
मुस्कुराहट या फिर कोई नई नुमाइश
जिंदगी के मौसम कितने अजीब
कभी मौसम-ए – हिज्र
कभी मौसम – ए- दीद !
आपकी रचनाये बहोत ही सुन्दर है ……………..लिखते रहिये
जिंदगी एक एहसास ..है ,, इसे समझो नहीं
बस जीना सिख लो ………….महसूस करना सिख लो
मेरी नई हिंदी कविता ब्लॉग “यादें” ..कुछ सपने …….कुछ अधूरे ,, कुछ पुरे ……..आप सभी जरूर पढ़े …………धन्यवाद
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