जुबां हमारी ना समझ सका है कोई आँखों की गहराई जानने की फुर्सत किसी को नहीं Share this:TwitterFacebookEmailLike this:पसंद करें लोड हो रहा है... Related
कुछ सुनने से पहले ही, सब समझ जाता हूँ….मेरी आँखे देखना का तमाशा नहीं करती!!!
thanks for the lines