फुरसत मेरी आँखों की गहराई में झांकने की तुझे फुरसत कहाँ जश्न -ए -ईद मौसम -ए- मातम में बस य़ुहीं गुज़र गयी दीद की रात © सौम्या Share this:TwitterFacebookEmailLike this:पसंद करें लोड हो रहा है... Related