सपना

कहते  हैं अम्बर में रहते  हैं कई सपने सुहाने ,
चमकते हैं वो रात के अंधियारों को चीरकर ,
मस्त हवा के झोंके भी करा जाते हैं उनका  आभास,
उन सभी कल्पना प्रेमियों को.

जो पलता है  मन में एक कोमल कली सा,
जैसे कोई गुलाब ,.
धरा से  जकड़े है वो अपने जड़ो को ,
वातावरण में झूलती अपनी  पत्तियों से ,
छूना चाहे वो आसमान को,
बढते बढते  यूँ
कई फूल खिला  जाए अपनी राह  वो.

 हँसता  उन्मुक्त सा एक सपना जो
फैला दे खुशबु अपने  प्यार की
बिखरा के ख़ुशी इस धरती पर,
 अम्बर की ओर उड़ चला वो .

 

(PHOTOCREDIT:viktorialove.com)

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4 विचार “सपना&rdquo पर;

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